डॉक्टर या भगवान? बेटी को बचाने वाले डॉक्टर के लिए पिता ने उठाई अनोखी कांवड़

कांवड़ पर डॉक्टर की फोटो के साथ विशाल भारद्वाज

जब एक डॉक्टर बना भगवान: विशाल भारद्वाज की कहानी

कभी-कभी जिंदगी में ऐसे पल आते हैं जो इंसान की सोच, आस्था और पूरी लाइफ को चेंज कर देते हैं. ऐसा ही एक दिल को छू लेने वाला किस्सा बड़ौत कस्बे के विशाल भारद्वाज के साथ हुआ। विशाल की नवजात बेटी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थी। डॉक्टर्स ने उम्मीदें छोड़ दी थीं, लेकिन तभी एक डॉक्टर “भगवान” बनकर आया और सब कुछ बदल गया।

बेटी को मिली नई ज़िंदगी

बागपत के बड़ौत के रहने वाले विशाल भारद्वाज की बेटी प्रीमैच्योर (समय से पहले) पैदा हुई थी। जन्म के बाद ही उसकी हालत इतनी गंभीर हो गई कि बड़े-बड़े डॉक्टर्स ने जवाब दे दिया। परिवार टूट चुका था और सबको लग रहा था कि अब चमत्कार ही उसे बचा सकता है। यही चमत्कार किया बड़ौत के एक प्राइवेट अस्पताल में कार्यरत डॉ. अभिनव तोमर ने। उन्होंने बच्ची का इलाज किया और उसे नई जिंदगी दी।

डॉक्टर अभिनव की लंबी उम्र के लिए उठाई 31 लीटर की कांवड़

बेटी को नई जिंदगी मिलने के बाद विशाल भारद्वाज ने ठान लिया कि वह डॉ. अभिनव को सिर्फ डॉक्टर नहीं, बल्कि भगवान मानेगा। इसी आस्था के चलते विशाल ने हरिद्वार से 31 लीटर की कांवड़ उठाई, जिस पर भगवान की जगह डॉ. अभिनव की फोटो लगाई। रास्ते में जब लोग इस अनोखी कांवड़ को देखते, तो रुककर पूछते—“आपने कांवड़ पर डॉक्टर की फोटो क्यों लगाई ?” विशाल बस मुस्कुराते हुए कहते—“इन्होंने मेरी बेटी को जिंदगी दी है, मेरे लिए यही भगवान हैं।”

अगले साल 51 लीटर जल लेकर आएंगे

विशाल ने बताया कि इस बार वह 31 लीटर जल लेकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, लेकिन अगले साल 51 लीटर जल लेकर आएंगे। उन्होंने संकल्प लिया है कि हर साल वह डॉ. अभिनव के नाम पर कांवड़ चढ़ाएंगे।


टिप्पणियाँ